बुधवार, 20 अक्तूबर 2021
शहिदे आजम
मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021
16 सिद्धियाँ
सोमवार, 18 अक्तूबर 2021
नादम्
रविवार, 10 अक्तूबर 2021
आँखे तेरी
देती हे दिलपर मेरे प्यार का दस्तूर
दुनिया के अजुबो को
कर देती हे चकनाचूर
आँखे तेरी
एक उम्मीद लिए हुए हे
एक खुशी लिए हुए हे
एक याद सी हे
एक ख्वाब सी हे
रँगीन हे वो
एक राग सी हे
चेहरा भी वो
ऒर आईना भी हे
देखा नही मगर हुर सी हे
पास होकर भी दुर सी हे
आँखे तेरी
क्यू इनमे इश्के मेहरबान नजर आता हे
क्यू इनमे कोई तूफान नजर आता हे
इबादते की चॊखटो पर मगर
क्यू इनमे ही भगवान नजर आता हे
मे चाह कर भी खुद को रोक नही पाता हू
इनकी ऒर खिँचा चला जाता हु
आँखे तेरी
इनका ही दीदार चाहता हु
इन्ही मे सँसार चाहता हु
मे सोचता बस इनको हु
मे चाहता बस इनको हु
मे जानता बस इनको हु
मे माँगता बस इनको हु
ओर इनमें ही डूब जाना चाहता हु
खो जाना चाहता हु
इन्ही का हो जाना चाहता हु
ये आँखे प्याली हे रस कि
जरुरत हे तो कस्मकश कि
ये कस्तियो का दरिया हे
तेरे दिल को पाने का जरिया हे
चाँद ऒर तारे हे ये आँखे
सोने कि दीवारें हे ये आँखे
मिनारे हे सँगेमरमर कि
उडते गुब्बारे हे ये आँखे
चाँदनी हे रात कि
लय मे उतरी रागिनी हे ये आँखे
ये शाम हे
ये राग हे
ये साज हे
ये राज हे
रुठ जाए तो आसु कि धारा हे
एक अनोखा ख्वाब हे
प्यार से भी प्यारी ऒर
गुस्से मे तेजाब हे ये आँखे
अब इन्ही मे खोकर रेह जाय
इन्ही का होकर रेह जाय
इनसे ही ये आशियाना हे
ऒर ये दीवाना हे
परियो से पलक
ऒर इनकी मेहक
जन्नतो से बढकर
इनकी एक झलक हे
इन्ही से शुरु हे बाते मेरी
बीते यादों मे रातें मेरी
जब हो ये परे दिल से
रुकने लगे साँसे मेरी
आँखे तेरी
शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2021
उडने निकला हुँ
पेर रहते नही जमीन पर
सबसे कुछ केहने निकला हु
रेहना नही यहा अब मुजे
खुले आसमान मे उडने निकला हु
जँजीरे सी हाथो मे हो जेसे
नदियां सब आँखो मे हो जेसे
दरिया मे फिर भी बेहने निकला हु
खुले आसमान मे उडने निकला हु
प्रेम कि भक्ति मे डोलने को
दिल के राज खोलने को
इबादत्त कि सिडिया चढने निकला हु
खुले आसमान मे उडने निकला हु
पता हे मुजे कि लुटने निकला हु
खुले आसमान मे उडने निकला हु
अच्छा गाना हॆ "चार बॊतल वोडका"
मित्रो,
आप सभी ने अभी अभी निकली फिल्म रागिनी एम एम एस टू के गीत व द्रश्य देखे होँगे। अगर नही देखे तो एक दफा देख लिजिए कुछ समज मे आ जाएगा।
आज सवॆरे सवेरॆ निकली एक बारात मे ये गीत धुम धाम से बज रहा था,बाराती शराबियो कि तरह नाच रहे थे वो भी जॊर जॊर से चिल्लाते हुए।जी हाँ वो गाना हे पँजाब के लाडले व डर्टी पुत्र यो यो हनीसिह का चार बॊतल वोडका।
कहते हे कि अकेली शराब मे मजा नही आता इसलिए वोडके के साथ शबाब अर्थात सन्नी लियोन जी को प्रस्तुत किया गया हे। वाह भाई फिल्म निर्माता का भी जवाब नही। अब तक के सारे अवार्ड ईन्ही को मिलने चाहिए। रही बात हनीसिहजी कि तो उन्हॆ नॆता बना देना चाहिए ताकि सँसद मे कम से कम चार बोतल वोडका तो बिना विवाद के गाया जाए।
वॆसे इन्होने बडी मेहनत से ये गाना बनाया होगा। इसे सुनकर हर भारतीय रॊज कि चार पिएगा तो रॊज कि छ:-सात अरब वोडके कि बॊतले खाली हॊँगी। एसे मे अगर हनीसिह जी का राज हुआ तो अगला गीत आठ बॊतल वोडका बना देँगे जिससे देश कि अच्छी खासी तरक्की हो जाएगी। एसे राज मे सन्नी जी हमारी वित्त मँत्री होगी,जो भी पॆसे माँगने जाएगा उसे वे चार पिलाकर लॊटाती रहॆगी।
धीरे धीरे जब वॊडका आने लगेगा ऒर बॊतले जाने लगेगी तो चीन जॆसा कॊई डुबते पर पत्थर डालने वाला वहा से सिधि पाईपलाईन लगाएगा,वोडके कि। फिर अपने हनीसिहजी चार-आठ से बाल्टी भर के वोडका पर आ जाएँगे। जिस तरह से आज के नॊजवान उनके गीतो पर नाचते हे उससे लगता हे कि यह दिन भी दुर नही। कितनी लेडिज सन्नीजी के गीतो पर खुब कमर हिलाती हे चाहे टुट ना जाए।
खॆर देखते हे आगे आगे नए जमाने के कितने प्रकार आते हे।
वॆसे हनीसिहजी का ये गीत सुनकर बुराई भी कोई नही करता, सब मेरी तरह तारिफ हि करते हे ऒर केहते हे "अच्छा गाना हे 'चार बॊतल वोडका,काम मेरा रोजका'।"
शहिदे आजम
फांसी से पहले भगत सिंह आखिरी बार अपनी मां से मिले थे। तब उन्होंने ने अपनी मां विद्यावती से कहा था, ‘मेरा शव लेने आप नहीं आना और कुलबीर (छोटा...